भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार ।
चबा चबा कर खाइए, वैद्य ना झाकेँ द्वार ।।
प्रात:काल फल रस लो , दुपहर लस्सी छाछ ।
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश ।।
दही उड़द की दाल संग , प्याज दूध के संग ।
जो खाएँ इस साथ में , जीवन हो बदरंग ।।
प्रात: दोपहर लीजिये , जब नियम आहार ।
तीस मिनट की नींद लो , रोग न आवें द्वार ।।
भोजन करके रात में , घूमें कदम हजार ।
डॉक्टर ,ओझा , वैद्य का , लुट जाए व्यापार ।।
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